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FOMO आपके बैंक एकाउंट और बचत की आदत को प्रभावित कर सकता है। बजट के आसान ट्रिक्स से इसका सामना कैसे किया जा सकता है, जानिए।
चलिए यहां से शुरू करते हैं। ये एक कामकाजी दिन है और आप सोशल मीडिया में व्यस्त हैं। यहां आपकी नज़र दोस्तों की तस्वीरों पर पड़ती है, जो थाईलैंड के बीच पर मज़े कर रहे हैं।
आपको अचानक से जलन होने लगती है। हम सबके साथ ऐसा होता है। लेकिन इस फ़ीलिंग की वजह आपकी आर्थिक स्थिति को न बनने दें। ऐसा न हो कि आप थाईलैंड इसलिए न जा रहे हों कि आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है। अमीरों के ये 8 सुझाव आपकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेंगे।
हम कभी न कभी दूसरों की तरह खर्चे करने की कोशिश करते हैं। लेकिन डिजिटल दुनिया और इसमें मौजूद सोशल मीडिया के प्रभाव में हमारे पास जो भी है हम पर उसे सामजिक स्वीकार्यता के हिसाब से खर्च करने का दबाव होता है।
हम अक्सर डिजिटल दुनिया में दूसरे के जीवन को देखते हैं और सोचते हैं कि हम उनकी तरह कुछ क्यों नहीं कर पा रहे हैं।
दूसरों से अपनी तुलना करना ही वित्तीय स्थिति के लिए FOMO पैदा करता है और साथ में बचत का नज़रिया भी।
लाइक, कमेंट और शेयरिंग के साथ घंटों सोशल मीडिया पर स्क्रोलिंग करना प्रेरित करता है लेकिन कई बार ये FOMO भी देता है।
जो आपकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है। इसका दबाव आप मानसिकतौर पर भी महसूस करते हैं।
FOMO या फियर ऑफ़ मिसिंग आउट मतलब खोने का डर, एंक्जाइटी का वो अहसास है जो तब महसूस होता है, जब आप अपने मनपसंद का काम नहीं कर पाते हैं।
आमतौर पर ये आजकल सोशल मीडिया जैसे इंस्टाग्राम, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर ज़्यादा होता है।
FOMO ख़रीदारी के दौरान भी महसूस होता है। जैसे कुछ चीजों की आपको ज़रूरत होती है तो कुछ चीजें आप खरीदना चाहते हैं।
कुछ लोगों के लिए सोशल मीडिया उनकी कम्युनिटी लाइफलाइन है। ऐसे में इस बात का अहसास होना कि आप किसी खास ग्रुप का हिस्सा नहीं हैं, तनाव महसूस कराता है जैसे FOMO।
जब आप दूसरों की लाइफस्टाइल पर फोकस कर रहे होते हैं तो आपका ध्यान केंद्रित नहीं होता है। ऐसे में आपके जीवन में कई सारे फालतू के खर्चे जुड़ जाते हैं जैसे दोस्तों के साथ यूं ही किया गया डिनर।
FOMO के प्रभाव में खर्च न करने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप दोस्तों के साथ डिनर, मस्ती और मज़ा करना छोड़ दें।
इसका मतलब है कि आपको बेकार के या ज़्यादा खर्चों से बचना है।
खोने का डर तनाव की वजह हो सकता है। क्योंकि आप दूसरों को दिखाने के लिए अवास्तविक लाइफस्टाइल बनाने की कोशिश करते हैं। और आपको उनके जैसे न बन पाने का डर रहता है।
FOMO कुछ ही समय में और ज़्यादा खर्च करने का दबाव बना सकता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए आपके कलीग, दोस्त छुट्टियों पर जा रहे हैं पर आप नहीं जा पा रहे हैं।
आप आज़ाद ख्यालों के साथ हर पल को जी सकते हैं और क्रेडिट कार्ड पर खर्च कर सकते हैं। लेकिन इस तरह से आप नहीं सोचते हैं और फिलहाल इस पल को जी लेना चाहते हैं।
लेकिन इस वक्त YOLO-यू ओनली लिव वंस मतलब ‘आप बस एक बार जीते हैं’ की वजह से ऐसा सोचते हैं। इस वक्त आपके दोस्त मस्ती कर रहे हैं और आप नहीं, ये अहसास आपको क़र्ज़ में डूबने से भी खराब अहसास कराता है।
इस वक्त आपको करना क्या है कि अपने फाइनेंस की प्लानिंग और प्राथमिकता तय कर लें। इस वक्त लिया गया एक बेहतरीन निर्णय भविष्य में आपको ज़रूर फ़ायदा देगा।
एक गलत निर्णय आपके पास पहले से मौजूद राशि को बर्बाद कर सकता है और आप खुद को क़र्ज़ के जाल में फंसा हुआ पाएंगे।
चार्ल्स श्वाब की ओर से किए गए मॉडर्न वेल्थ सर्वे के मुताबिक 33% अमेरिकियों ने माना है कि वो डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर दोस्तों और रिश्तेदारों की पोस्ट से प्रभावित होकर खर्चे करते हैं।
उन्होंने ये भी स्वीकार किया है कि मौज मस्ती नहीं कर पाते हैं तो भी खूब खर्च करते हैं।
दोस्तों के सोशल मीडिया फीड्स को देखकर फाइनेंशियल निर्णय प्रभावित होते हैं
हां, ये सही है कि FOMO से बचने के लिए सोशल मीडिया को अनइंस्टाल करके ब्रेक पर चले जाना सबसे अच्छा हल है। लेकिन एक और हल है, जो ज़्यादा बेहतर है।
FOMO से लड़ना एक चुनौती है। इसके लिए आपको मानसिक तौर पर खुद को तैयार करना होगा और दृढ़ इच्छाशक्ति भी रखनी होगी। योजना बनाइए और शुरू हो जाइए:
● खोने के विचार को छोड़ दें
● महीने/हफ्ते के आर्थिक मसलों के लिए पहले ही योजना बना लें।
● बजट बनाएं
● अपनी संतुष्टि के स्तर को ऊंचा करें।
उस इंस्टाग्राम पोस्ट को याद करें, जिसमें सच्चाई दिखाने की बजाए, सिर्फ दिखावा किया गया था। इसको घमंड या बेईमानी नहीं कहा जा सकता है।
इसकी बजाय, ये सिर्फ जीवन का एक हिस्सा है। वो वीडियो और तस्वीरें कई सारे गलत-सही शॉट्स में से एक बेहतर वाला होगा।
सख्ती से FOMO को छोड़ने का एक तरीका ये है कि हम ये जानें कि पोस्ट को आकर्षक बनाने के लिए क्या मूल्य दिया गया है।
इस तरह से, आप अपनी फोटो में हमेशा अच्छे दिखने की कोशिश से खुद को बचा पाएंगे।
खराब और शर्मिंदगी वाली स्थिति में भी वैसे रहें, जैसे आप हैं। हो सकता है कोई बहुत बढ़िया बोलने के बजाए हंस दे लेकिन इस तरह से आप सोशल मीडिया पर FOMO वाली एंक्जाइटी से बच जाएंगे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आपके कितने भी फॉलोअर आपकी ताकत नहीं बन सकते हैं। लेकिन ऑफलाइन रिश्ते पर काम करके रोज़मर्रा के जीवन में सकारात्मकता लाई जा सकती है।
अपनों के साथ समय बिताकर आप अपने मन को शांत और खुश कर सकते हैं।
इसके अलावा, ये आपको वो अनुभव दे सकते हैं, जिन्हें आप वेब पर साझा कर सकते हैं।
क्या ये सही है कि आप जब भी किसी पोस्ट में स्टाइलिश जूते देखते हैं तो आपका उनको खरीदने का मन हो जाता है या आप किसी को छुट्टियों पर देखते हैं तो भी आपके साथ ऐसा ही कुछ होता है?
ये वो अवसर हो सकता है जब आप अपने फाइनेंशियल प्लान में अपने खुद के अनुभवों, अच्छी ड्रेस या आप जो भी चाहें, उसके लिए जगह बना सकते हैं।
छोटे-छोटे क़दमों से शुरू करें। सबसे पहले स्टेप में ये देखना है कि आप अपना कैश कहां खर्च करते हैं। आप ऑनलाइन मिलने वाले बजट कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं जो काफी सरल होते हैं।
अगला कदम ये है कि बजट प्लान बनाया जाए। आप प्लानर की मदद से इसे खुद कर सकते हैं या आप फाइनेंशियल एडवाइज़र की मदद भी ले सकते हैं।
वो आपको बेकार के खर्च करने की बजाए ज़रूरत के मदों में पैसे लगाने में सहायता कर सकते हैं।
आपकी इस व्यवस्था का एक हिस्सा टैक्स-एक्स्जेम्प्ट बैंक अकाउंट बनाने में मदद कर सकता है। अपनी ख़रीदारी के लिए पैसे सुरक्षित रखने का ये बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
जब आप अपने बजट का एक हिस्सा अपनी ज़रूरत के लिए अलग रख देते हैं तो FOMO को अपनाना आसान हो जाता है।
इस तरह से जब भी आप किसी सोशल मीडिया पोस्ट से प्रभावित होते हैं तब अपना फोकस अपने लक्ष्य और उस वजह पर केंद्रित कर सकते हैं, जिसके लिए आप बचत कर रहे हैं।
जब भी आप कैश साथ ले जाते हैं और आपके पास सीमित राशि होती है और इस तरह से आपके खर्चे कम होते हैं।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड के साथ हो सकता है कि आप बिना सोचे समझे खर्च करें। क्योंकि कार्ड के साथ आपको ज़्यादा कैश मिल जाता है तो इस तरह से आप लेनदेन पर रोक लगा सकते हैं।
यहीं FOMO होता है, इसलिए आप डिनर या पार्टी में जाने से पहले सीमित पैसे निकाल लेते हैं। तो बस ज़रूरत के खर्च ही करते हैं क्योंकि आपका बजट तय होता है।
संपत्ति जुड़ने में समय लगता है और वो लोग जो लंबे समय से निवेश कर रहे होते हैं, उनके लिए बाज़ार का समय बहुत अहम होता है।
लंबी अवधि के लिए धन जोड़ना
संपत्ति जोड़ना लंबे समय का काम होता है। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करना, इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर निवेश कर रहे हैं।
इसके साथ ही आप जल्दी बचत और निवेश शुरू कर देंगे तो कंपाउंडिंग के चलते आपकी राशि को बढ़ने के लिए ज़्यादा समय मिल जाएगा।
निवेश करते हुए, ये भी सुझाव दिया जाता है कि आप अपने वेल्थ पोर्टफोलियो को कई सारे अलग-अलग मदों में बांटें जैसे स्टॉक, गोल्ड, बांड्स और कैश निवेश वगैरह।
कई क्षेत्रों के निवेश का सही मिश्रण बाज़ार में हो सकने वाले नुकसान से भी आपको बचा लेगा। आप Jar के साथ सिर्फ 1 रुपए में डिजिटल गोल्ड में बचत और निवेश दोनों कर सकते हैं।