Buy Gold
Sell Gold
Daily Savings
Digital Gold
Instant Loan
Round-Off
Nek Jewellery
आपको अपनी सैलरी स्लिप के बारे में जो कुछ भी जानने की ज़रूरत है, यह उसके लिए एक गाइड है - यह क्या है, इसके कम्पोनेंट क्या हैं और भी बहुत कुछ।
आपको पहली सैलरी स्लिप मिली? या यह आपको हर महीने मिलती है लेकिन इसका पता नहीं लगा सकते? चिंता न करें, अब आप निश्चित रूप से अकेले नहीं हैं।
उलझी हुई भाषा और आंकड़े एक ऐसी समस्या के समान हैं जिसे कोई हल नहीं करना चाहता, लेकिन आगे बढ़ने से पहले हम आपको यह बताना चाहते हैं कि बचत करने को एक आदत बनाना अब आसान और फ़ायदेमंद है।
यह आपको परेशान करता है, खासकर जब आप किसी लोन के लिए अप्लाई कर रहे हों, किसी नई कंपनी में अप्लाई कर रहे हों या क्रेडिट कार्ड ले रहे हों।
कई कर्मचारी इसी परेशानी से जूझ रहे हैं और हम, जार एप द्वारा आपकी इस परेशानी को हल करने के लिए यहां हैं।
सैलरी स्लिप, जिसे कर्मचारी सैलरी स्लिप भी कहा जाता है, एक मासिक (मंथली) क़ानूनी डॉक्यूमेंट है जो एक एम्प्लॉयर द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किया जाता है।
इसमें कर्मचारी की सैलरी का पूरा ब्यौरा होता है जिसमें एक विशेष समय अवधि के लिए सभी समावेशन (इन्क्लूजन), बहिष्करण (एक्सक्लूजन), कटौती (डिडक्शन) आदि शामिल होते हैं।
सैलरी पाने वाले ज़्यादातर कर्मचारियों को सैलरी स्लिप, मिलती है। उन्हें इस डॉक्यूमेंट की एक ओरिजिनल कॉपी प्राप्त हो सकती है या इसे एक PDF फॉर्मेट में उन्हें मेल भी किया जा सकता है जिसे वे चाहें तो देख सकते हैं या इसे प्रिंट भी कर सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि कंपनियां आपको विस्तृत ब्यौरे के साथ आपकी सैलरी स्लिप जारी करने के लिए क़ानूनी रूप से बाध्य हैं? तो स्पष्ट रूप से ये सैलरी स्लिप कुछ वास्तविक महत्व रखती हैं। लेकिन क्यों:
अब कई लोगों के लिए सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाला और सबसे ज़्यादा भ्रमित (कंफ्यूज़) करने वाला कम्पोनेंट आता है,
CTC और हाथ में आने वाली (इन-हैंड) सैलरी।
कंपनी द्वारा किसी कर्मचारी को किया गया कुल भुगतान कॉस्ट टू द कंपनी (CTC) के रूप में रेफर किया जाता है।
इसमें सब कुछ शामिल है - आवास किराया भत्ता (हाउस रेंट अलाउंस HRA), वाहन भत्ता, ग्रेच्युटी, मेडिकल भत्ता, कर्मचारी भविष्य निधि (एम्प्लॉई प्रोविडेंट फ़ंड,EPF) और अन्य सभी भत्ते।
इन-हैंड सैलरी किसी भी डिडक्शन से पहले एक कर्मचारी को मिलने वाला अमाउंट है जबकि नेट सैलरी एक कर्मचारी को सभी डिडक्शन के बाद मिलने वाला अमाउंट है।
दूसरे शब्दों में, इन-हैंड सैलरी कंपनी द्वारा कर्मचारी को किया जाने वाला मासिक भुगतान (मंथली पेमेंट) है। इसमें PF और ग्रेच्युटी शामिल नहीं है।
थोड़ा और गहराई में जाएं और यहां अपनी ग्रॉस सैलरी को कैलक्यूलेट करना सीखें। अंत में, हम महत्वपूर्ण पार्ट पर पहुंच गए हैं।
हर सैलरी स्लिप में कंपनी का नाम, कर्मचारी का नाम, पद का नाम और कर्मचारी का कोड और अन्य चीजें होंगी।
इसके बाद इनकम/अर्निंग और डिडक्शन आते हैं, जो मुख्य रूप से दो तरह के सैलरी कम्पोनेंट हैं। यहां बताया गया है कि उसमें हर चीज का क्या मतलब होता है:
बेसिक कंपनसेशन (मुआवजा): यह आपकी सैलरी का सबसे ज़रूरी कम्पोनेंट है, जो आपकी कुल सैलरी का 35% से 40% तक होता है। यह सैलरी के अन्य पहलुओं को कैलक्यूलेट करने के लिए एक फाउंडेशन के रूप में भी काम करता है।
जूनियर लेवल पर बेसिक ज़्यादा होता है। जैसे-जैसे आप कंपनी में आगे बढ़ेंगे, वैसे-वैसे आपके अन्य भत्ते भी बढ़ते जाएंगे।
महंगाई भत्ता (DA): यह आपकी बेसिक सैलरी का कुछ प्रतिशत होता है मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के प्रभाव को दूर करने में मदद करने के लिए दिया जाता है। यह पूरी तरह से टैक्सेबल है और ITR फ़ाइल करते समय इसे डिक्लेअर किया जाना चाहिए।
हाउस रेंट अलाउंस (HRA): यह लोगों को उनके किराए का भुगतान करने में सहायता करने के लिए दिया जाने वाला एक भत्ता है। HRA अमाउंट अलग-अलग जगह के अनुसार अलग-अलग होता है और बेसिक सैलरी के 40% से 50% के बीच होता है। HRA आपको टैक्स बचाने में मदद कर सकता है। अपवाद में निम्न में से कम से कम एक शामिल होना चाहिए:
वाहन भत्ता: एम्प्लॉयर द्वारा कर्मचारी को काम से आने-जाने के लिए भुगतान किए जाने वाले अमाउंट को वाहन भत्ते के रूप में जाना जाता है। यह एक रियायत (कन्सेशन) है।
नतीजतन, यह एक निश्चित सीमा तक टैक्स-फ्री है। वाहन भत्ता भी, टैक्स पर पैसे बचाने में आपकी मदद कर सकता है।
परफॉर्मेंस और स्पेशल भत्ते: कर्मचारियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्हें परफॉर्मेंस और स्पेशल भत्ते ऑफर किया जाता है। इस कम्पोनेंट पर भी पूरी तरह से टैक्स लगता है।
अन्य भत्ते : इस कैटेगरी में एम्प्लॉयर के सभी अतिरिक्त भत्ते शामिल हैं, चाहे कारण कुछ भी हो। इस तरह के भत्तों को एक स्पेसिफिक हैडिंग के तहत क्लासिफाइड किया जा सकता है या एम्प्लॉयर द्वारा "अन्य भत्ते" के रूप में ग्रुप किया जा सकता है
EPF (कर्मचारी भविष्य निधि): यह आपके पे-चेक से एक अनिवार्य डिडक्शन है और आपके रिटायरमेंट के लिए फंड को इकठ्ठा करता है। आपकी सैलरी स्लिप का यह हिस्सा आपकी बेसिक सैलरी का कम से कम 12% होता है और इसे आपके EPF एकाउंट में जमा किया जाता है। विशेष रूप से, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत, EPF को किया गया आपका भुगतान टैक्स-फ्री है।
व्यावसायिक (प्रोफेशनल) टैक्स : यह सैलरी पाने वाले कर्मचारियों, प्रोफेशनल और व्यापारियों सहित इनकम वाले सभी व्यक्तियों पर लगाया जाता है। हालांकि, यह केवल कुछ राज्यों में लगाया गया है, जो कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़, केरल, मेघालय, उड़ीसा, त्रिपुरा, झारखंड, बिहार और मध्य प्रदेश हैं। यह अमाउंट आपकी टैक्सेबल इनकम में से निकाला जाता है और यह हर महीने केवल कुछ सौ रुपये होता है। यह एक व्यक्ति के टैक्स ब्रैकेट के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
TDS (सोर्स पर टैक्स डिडक्शन) : TDS इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से आपके एम्प्लॉयर द्वारा काटा गया टैक्स अमाउंट है। यह कर्मचारी के ग्रॉस टैक्स ब्रैकेट द्वारा निर्धारित किया जाता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड (ELSS), PPF, NPS, और टैक्स सेविंग FDs जैसे टैक्स-फ्री इन्वेस्टमेंट में इन्वेस्ट करके और अपने एम्प्लॉयर को ज़रूरी कागज़ात देकर इस लागत को कम किया जा सकता है।
आपकी सैलरी स्लिप आपके लिए आपकी मिनी-गाइड के रूप में आपके साथ है। अब अगली बार जब आप अपने कर्मचारी सैलरी स्लिप प्राप्त करेंगे, तो आप जानते हैं कि आपको क्या करना है। इसे पढ़ें, समझें और चेक करें कि क्या आप कहीं भी टैक्स बचा सकते हैं।
अब, जैसा कि आप सैलरी स्लिप के सभी पहलुओं के बारे में समझ चुके हैं, हम आशा करते हैं कि यह आपको अपनी बचत योजनाओं (सेविंग प्लान) के साथ बेहतर निर्णय लेने में भी मदद करेगा। आप जार एप का उपयोग करके खर्च करते , समय हमेशा बचत कर सकते हैं, जो न केवल आपको पैसे बचाने में मदद करता है, बल्कि यह डिजिटल गोल्ड में भी इन्वेस्ट करता है।