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क्या बेहतर है; बचत या निवेश? निवेश क मामले में हमें जोखिम का डर होता है और केवल बचत काफी नहीं है। तो क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं।
बचपन से ही माता-पिता और बड़े-बुजुर्ग हमें पैसे बचाने की आदत डालते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि पैसे की बचत से आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बच जाता है, जो किसी भी वित्तीय संकट की घड़ी में आपको बचा सकता है या भविष्य में आपके काम आ सकता है।
लेकिन, धन के प्रबंधन के आज के सिद्धांत की माने तो केवल बचत काफी नहीं है। अमीरों की 8 वित्तीय सलाह देखें।
खास तौर पर, अगर आप अगले 10-20 सालों में अपने बैंक खाते में 7 या 8 डिजिट की आमदनी करना चाहते हैं। ऐसे में निवेश चमत्कार की तरह काम करता है और आपकी संपत्ति बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है।
एक अच्छा ट्रेंड यह देखने को मिल रहा है कि लगभग 70% भारतीयों ने महामारी के बाद अपने धन की बचत या निवेश करना शुरू किया है।
इसलिए, अगर आपने अभी खुद के लिए कमाई करना शुरू किया है, तो हम समझ सकते हैं कि आपके मन में बचत और निवेश को लेकर लगातार दुविधा बनी रहती होगी!
अब अच्छी खबर क्या है? इस ब्लॉग में हम बचत और निवेश के बारे में बहुत सी बातें बताने वाले हैं कि दोनों की ख़ासियत कैसे अलग-अलग हैं और सबसे अहम बात कि दोनों ही हमारे जीवन में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
लेकिन, शुरू करने से पहले यह समझते हैं:
निवेश और बचत में क्या अंतर है?
निवेश और बचत देखने में एक ही सिक्के के दो पहलू लग सकते हैं। लेकिन, इनमें एक महत्वपूर्ण अंतर है जो बताता है कि किस तरह दोनों माध्यम अलग-अलग पहलुओं पर कारगर हैं।
अवधि: बचत आम तौर पर छोटे वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए की जाती है। जैसे, नई कार या नया फ़ोन खरीदने, घर का डिपॉज़िट जमा करने, या फिर किसी अप्रत्याशित जरूरत के लिए। अमूमन इस तरह की बचत 2-3 सालों के कम समय के लिए होती है।
अपने सपनों का घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे करना, सुकून भरे रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त संपत्ति जुटाने जैसे वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए निवेश एक लंबे समय तक चलने वाली प्रक्रिया है। इसलिए, अगर आप 10 सालों में जीवन के जरूरी लक्ष्य के लिए पर्याप्त धन इकट्ठा करना चाहते हैं, तो ऐसे में आपकी जरूरत को पूरा करने में निवेश आपकी मदद करेगा।
ब्याज: दूसरा अंतर यह है कि बचत और निवेश में आप कितना धन कमाते हैं। निवेश करने पर आपको एक खास समय के बाद काफ़ी ज्यादा ब्याज मिलता है। इसके उलट, बचत करने पर आपको कम रिटर्न मिलता है।
जोखिम: निवेश में जोखिम की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि इसमें आपको प्राप्त होने वाला रिटर्न बाजार के आधीन होता है। बचत की बात करें, तो आप चाहें उसे घर पर सुरक्षित रखें या चेकिंग या बचत खाते में बैंक में जमां करें, आपको नुकसान का खतरा कम होता है।
अब, ऊपर बताई गई बातों का ध्यान रखते हुए आप एक सफ़ल निवेशक के तौर पर आगे बढ़ सकते हैं, जहां आपके रिटर्न सालाना बढ़ते जाएंगे। लेकिन, अगर आपके पास शॉर्ट-टर्म बचत नहीं है, तो आपको अचानक जरूरत पड़ने पर धन की व्यवस्था करने में परेशानी होगी।
इससे हम अपने अगले प्वाइंट पर आते हैं:
बचत जरूरी है
बचत जरूरी है, फिर चाहें उसका इस्तेमाल कैसी भी किया जाए। आपको नहीं पता कि नौकरी जाने या मेडिकल इमर्जेंसी के समय कब आपको अचानक जरूरत पड़ जाए।
अगर आपको ऐसी किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो आपको सहारे के लिए पैसों की जरूरत होगी। इसलिए सामान्य तौर पर 3 से 6 महीनों तक के खर्च के लिए धन को अलग सुरक्षित रखना एक बेहतर विकल्प है।
आय से खर्चों को घटाकर जो बचता है, आप उसकी बचत कर सकते हैं। बचाए हुए धन को शॉर्ट-टर्म निवेश में बांट देना चाहिए जैसे बैंक का फ़िक्स्ड डिपॉज़िट।
बचत एक पिगी बैंक की तरह होती है, जहां आपका धन केवल सुरक्षित होता है। लेकिन, लॉन्ग-टर्म लक्ष्य को पूरा करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है धन का निवेश करना, जहां आपका धन बढ़ता जाता है।
इसलिए:
निवेश जरूरी है
निवेश करना जरूरी है क्योंकि इससे आपके लक्ष्य पूरे होते हैं और आपका वित्तीय भविष्य सुरक्षित होता है।
ज्यादातर वित्तीय सलाहकार आपकी सालाना कमाई का 10% से 15% भाग निवेश करने की सलाह देते हैं। निवेशक के तौर पर आपको नीचे बताए गए फायदे होते हैं:
मुद्रास्फीति से उबर सकते हैं: समय अंतराल पर मुद्रास्फीति आपके धन की खरीदारी की क्षमता को कम कर देती है, जिससे उसका मूल्य घट जाता है।
इससे बचने के लिए धन को निवेश करना एक बेहतर विकल्प है, जिससे आप मुद्रास्फीति से उबर पाएंगे।
आपके वित्तीय लक्ष्य पूरे हो सकते: निवेश आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए काम आएगा; चाहें आपकी शादी के लिए बचत हो या आपके बच्चों की ट्यूशन फ़ीस हो या भविष्य की तैयारी हो।
बचत खाता या फ़िक्स डिपॉज़िट की तुलना में, म्यूचुअल फ़ंड और इक्विटी में ज्यादा रिटर्न मिलता है।
नीचे दिए गए चार्ट में तमाम मेट्रिक्स में दोनो की तुलना की गई है:
दोनों में बहुत से फायदे हैं और हमेशा दोनों में सामंजस्य बनाए रखना ही बेहतर होता है।
बाजार में निवेश करने में रिटर्न पाने के लिए धीरज बनाए रखने की जरूरत होती है, वहीं लॉन्ग-टर्म के लिए बचत करने पर आपको बहुत कम फायदा होता है।
अगर आपका लक्ष्य लॉन्ग-टर्म की वित्तीय तैयारी का है (ज्यादा सालों का) और निकट भविष्य में आपको धन की जरूरत नहीं है, तो निवेश एक बेहतर तरीका है।
हालांकि, अगर आपको शॉर्ट पीरिएड में धन की जरूरत है जिसे आप किसी इमरजेंसी के समय में इस्तेमाल कर सकते हैं, तो बचत आपके काम आएगी।
जाने से पहले, बचत और निवेश में बहुत बातें समान हैं, जिसमें यह बात भी शामिल है कि दोनों हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं। अगर आपने शुरुआत नहीं की है, तो अभी सही मौका है।
धन का प्रबंधन करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं होता है, बस यही मायने रखता है कि आपकी मौजूदा स्थिति क्या है।
अगर आपको दोनों में सामंजस्य बनाने में समस्या आ रही है, तो आप शॉर्ट-टर्म बचत और लॉन्ग-टर्म निवेश को अलग-अलग रखने के सामान्य नियम का पालन करें।
जब बात लॉन्ग-टर्म धन की हो, तो शॉर्ट-टर्म से मिलने वाले फायदे की तुलना में निवेश बेहतर है।
शेयर बाजार में अगर आप उनके जोखिम सहनशीलता के स्तर पर निवेश करना चाहते हैं और एक विविध निवेश पोर्टफ़ोलियो बनाना चाहते हैं, तो म्युचुअल फ़ंड विकल्प हो सकते हैं।
धन निवेश की प्रक्रिया जटिल हो सकती है, लेकिन इसको शुरू करने के कुछ आसान तरीके हैं। निवेश के बारे में और जानें कि किस तरह यह आपके वित्तीय भविष्य के लिए बेहतर हो सकता है।
अपनी आय और सारे खर्चों का आंकलन करें, आपको जल्द पता चल जाएगा कि आपके लिए क्या बेहतर है।
बचत और निवेश के लिए शुभकामनाएं!