Buy Gold
Sell Gold
Daily Savings
Digital Gold
Instant Loan
Round-Off
Nek Jewellery
बच्चों को पैसे और वित्तीय मामलों में शिक्षित करके उन्हें ठोस आधार देने के लिए वित्तीय विषय और गतिविधियां।
काश, मुझे भी बिलों का भुगतान करने और टैक्स के बारे में उस समय पढ़ाया जाता, जब मेरी उम्र कम थी।
क्या यह विचार कभी आपके दिमाग में आया? या यह सोचकर पछतावा हुआ कि आपके अभिभावकों ने कभी, आपको बजट, बचत, क्रेडिट कार्डों और निवेश, गिरवी, कर्ज़ों, टैक्स के प्रबंधन, वेतन संबंधी बातचीत, और रिटायरमेंट की बचतों को जोड़ने जैसे आधुनिक विषयों को लेकर कोई शिक्षा क्यों नहीं दी?
हम मानते हैं कि इसको पढ़ते हुए आपको लग रहा होगा, कि अपने बच्चे को पैसे के बारे में कम उम्र से ही शिक्षित करना कितना महत्वपूर्ण है।
आपके बच्चे, आपको देखते है. सिर्फ सहानुभूति या दयालुता का असर ही उनपर नहीं पड़ता. चाहे अच्छा-बुरा कुछ भी हो वे यह भी देखते हैं कि आपने अपने वित्त का प्रबंधन कैसे किया।
उसके बावजूद आर्थिक विषयों के बारे में उन्हें कम उम्र में पर्याप्त या गहराई से शिक्षा नहीं दी जाती। इससे भविष्य की पीढ़ियां वित्तीय निरक्षरता का शिकार हो जाती हैं।
इसके कई कारण हो सकते हैं -
● अभिभावक सोचते हैं कि यह काफी कठिन विषय है जिसमें बच्चों का मन शायद ही लगे।
● यह एक अनुचित काम होगा।
● अभिभावक को लगता है कि वे इस विषय को ठीक से नहीं समझते, इस वजह से अपने बच्चे को नहीं पढ़ा सकते।
● अभिभावक को लगता है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वे अपने बच्चे को इस विषय में कुछ बता सकें।
अपने बच्चों से पैसे के बारे में उचित बातचीत करना बहुत ज़रूरी है.
आप अगर यह सोचते हैं कि कब से पढ़ाना शुरू करें, तो इसकी कोई निश्चित उम्र नहीं। लेकिन अगर आप उनसे कम उम्र में पैसे के बारे में बातचीत शुरू करते हैं तो हो सकता है कि आगे चलकर वे अपने जीवन में अच्छी वित्तीय आदतें डाल लें।
यहां कुछ वित्तीय विषय और गतिविधियां, उम्र के हिसाब से दी गई हैं। इससे बच्चों में वित्तीय शिक्षा का एक आधार विकसित करने में मदद मिलेगीः
● सिक्कों के सभी पहलू के बारे में बताएं- कुछ समय अपने बच्चे के साथ पैसे गिनने में बिताएं। विभिन्न सिक्कों और रूपयों के बारे में उसे बताएं। सभी सिक्कों का मूल्य बताएं और उन सिक्कों का उपयोग, बुनियादी गणित में कैसे करना चाहिए यह भी बताएं।
● पिगी बैंक में पैसे डालें: चिल्लर पैसों को खेल में बदलें। उन्हें पैसे देकर शुरूआत करें। अल्मारी में रखें, गुल्लक में बढ़ते पैसों से उन्हें बचत की शिक्षा मिलेगी।
● ज़रूरतें और इच्छाएं - एक व्यापक परिणाम के लिए उन्हें ‘मना करने’ की आदत डालें। अपनी बातचीत के दौरान बच्चे को ज़रूरत और इच्छाओं के अंतर के विषय में समझाएं। हो सकता है किसी चीज को मना करने पर वह नाराज हो। आप उसे किस चीज के लिए इसलिए नहीं मना करते कि आप उसे नाराज करना चाहते हैं, बल्कि आप इसलिए ऐसा करते हैं ताकि उसमें इच्छा और ज़रूरत के विषय में समझ पैदा हो।
● पौधे लगाएं और देखभाल करें: अपने बच्चे को बगीचे के एक हिस्से या किसी घरेलू पौधे कि जिम्मेदारी दें। रोजमर्रा आधार पर किसी चीज की देखभाल की जिम्मेदारी देने से, उसको पता चलेगा कि देखरेख करने से क्या होता है, और इससे उसमें बचत और निवेश की आदतें विकसित होंगी।
● उनकी इच्छाओं को एक रचनात्मक रूप देः आपका बच्चा जो चीज खरीदना चाहता है, उसका चित्र, कोलाज़, या पेंटिंग उससे बनाने को कहें। उसे चित्र में खास चीज के बचत के लिए प्रोत्साहित करें जिसके लिए वह कोशिश करने वाला है. इससे उसे देरी में संतुष्ट होने की शिक्षा मिलेगी। उन्हें बताएं कि जो चीज वह इस समय खरीदने की इच्छा रखते हैं, उससे ज़्यादा उन्हें उस समय मिलेगा जब वे काम को पूरा कर लेंगे।
● आंनद के लिए सुपरमार्केट घूमें: अपने बच्चे को एक तयशुदा राशि देकर सुपरमार्केट भेजें और उसको ज़रूरत के सामान लाने की चुनौती दें। उससे पूछें कि हर हफ्ते वह एक निर्धारित पैसे में, लिस्ट की सभी सामग्री किस तरह से खरीदेगा।
● बच्चों के साथ बनावटी खेल खेलें: सिम्स, लाइफ और मोनोपाली जैसे बनावटी खेलों से, बच्चों में कठिन वित्तीय निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी, जहां कुछ खास दांव पर नहीं लगा होता।
● उनके साथ बैंक में जाएः अपने बैंक में बच्चे के लिए सेविंग अकाउंट खोलें। कई बैंकों में आप अपने नाम से बच्चों के खाते खोलकर उस पर निगरानी रख सकते हैं। कई जगह वर्चुअल बैंक सेवा की सुविधा है, जहां बच्चे पैसे के मैनेजमेंट के बारे में सीख सकते हैं। बच्चों को अपने खातों की निगरानी दैनिक आधार पर कैसे रखनी है यह भी बताएं।
● चक्रवृद्धि ब्याज का जादूः अगर आपके पास सेविंग अकाउंट या दूसरा अकाउंट है जिसपर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता हो, तो बच्चे को बताएं कि आप कैसे पैसे कमाते हैं और उसे खाते में क्यों जमा करते हैं। आपने खाता क्यों खोला? उस पैसे को लेकर आपकी क्या योजना है? उन्हें वह गणित बताएं जिससे पता चले कि भुगतान होने पर आपको कितना पैसा मिलेगा। अपने बच्चों को बताएं कि वह दैनिक आधार पर अपने अकाउंट को कैसे संचालित करेंगे।
● क्रेडिट कार्ड नकदी नहीं हैः कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां 13 साल के बच्चों को आधिकारिक रूप से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने की अनुमति दे देती हैं। अगर आपने पहले से नहीं ले रखा है तो अभी से बच्चे को क्रेडिट कार्ड की बुनियादी बातें सिखाएं। लोग क्यों कैश की बजाए क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते हैं? क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना कब उचित है? जब आप अपने कार्ड के इस्तेमाल के लिए बच्चे का नाम भी डलवा देते हैं, तो यह तय कर लें कि जो बातें आपने उसे सिखाईं थीं उसका पालन वह करेगा।
बच्चों को पैसे बचाने की शिक्षा देने की बात शुरूआत में कठिन लग सकती है। फिलहाल, अगर आप ये सारी चीजें करने की कोशिश करते हैं, तो आप अपने बच्चे की समझ पैसे को लेकर आनंददायक और आसान बना सकते हैं।
इस जानकारी में समय देने से अच्छे परिणाम मिलेंगे। उनके भविष्य के लिए मजबूत आधार प्रदान करें। ध्यान रहे, पैसे को लेकर आप बच्चे से बातचीत करने का कोई भी तरीका अपनाएं, लेकिन सबसे ज़रूरी यह है कि आप बातचीत की शुरूआत करें।